Monday, October 11, 2010

पहले कदम को सफलता की सीधी समझें

किसी भी लक्ष्य की और ले जाने वाली डगर पर एक के बाद दूसरा तीसरा आदि कदम उठाने पड़ते हैं | साथ ही रास्ते में मिलने वाले झाड़-झंकाड़ो को भी साफ करते रहना होता है | गरजती जल राशी की फेन उगलती हुई व्याल सदृश्य लहरे तथा घने जंगल मे वनराज की ह्रदय कंपा देने वाली दहाड़ जिसके कलेजे को नहीं कंपा सकती है , वही उस पर जाकर वीर और विजयी कहलाता है |हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहे, पहली सीढ़ी को पार करना ही होगाबड़े से बड़े विद्वानों ने भी प्रायमरी कक्षाओं मे ओलम एवम बारहखड़ी पढ़ी थीआपको भी प्रतियोगिता की तैयारी का प्रारंभ प्राथमिक ज्ञान से ही करना होगा
ध्यातव्य यह है की एक ही छलांग मे सीधे उपर कोई नहीं पहुँच जाता हैसबको पहला कदम शुरू करना ही होता हैआरोही आग बड़ते हुए प्रत्येक कदम के साथ विजय की अनुभतिकरता है और पुरे उत्साह के साथ अपने लक्ष्य की और अग्रसर होता हैएवरेस्ट के प्रथम विजेता शेरपा तेनसिंह बताया करते थे की वे कितने प्रयत्नों के बाद अंतिम सीढ़ी पार कर पाए थे
प्रतियोगिता छोटी हो या बड़ी, आपको अपनी तैयारी का आरम्भ प्राथमिक ज्ञान से ही करना होगायाद रखिये- हर कदम पहला और आखरी होता है जिस कदम को उठाते समय आपका संकल्प दुर्बल होगा, आपका वही कदम डिग जायेगा और आपकी यात्रा का अंत हो जायेगायात्रा पूर्ण हुई बिना गंतव्य अथवा लक्ष्य की प्राप्ति कैसी ?
"Well begun is half done" अर्थात यदि आरंभ अच्छा हुआ तो समझिये की आप अपनी सामर्थ्य को दृस्तिगत करते हुए प्रतियोगिता का चयन करके पूरी निष्ठा एवं पुरे विश्वास के साथ अपने कार्य का शुभारम्भ कर दीजिये। यूनानी ज्ञान के के पितामह दार्शनिक प्लेटो का कथन है की " किसी कार्य का आरंभ उसका सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है"
आप जर्मन दार्शनिक कवि गेटे के इस कथन से प्रेरणा ग्रहण कीजिये - " जिस काम को तुम कर सकते हो या कल्पना करते हो की तुम कर सकोगे, उसको आरंभ कर दो, साहस मे प्रतिभा, शक्ति और जादू है । सिर्फ काम मे जुट जाओ मस्तिष्क मे वेग आ जायेगा, आरंभ करो कार्य समाप्त होगा। याद रखिये A man can do, what a man has done. जो कार्य कोई मनुष्य कर चूका है उसको कोई भी मनुष्य कर सकता है।
भर्तहरी के अनुसार, "नीच लोग विघ्न के भय से कोई कार्य नहीं करते, मध्यम श्रेणी के लोग कार्य को आरंभ करके विघ्न पड़ने पर बीच मे छोड़ देते है, परन्तु उत्तम लोग बार बार विघ्न पड़ने पर भी आरंभ किये हुए कार्य को बीच मे नहीं छोड़ते",
अब आप उस स्थिति को प्राप्त होते है जब आपको लक्ष्य स्पष्ट दिखाई देने लगता है, यानि आप साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किये जाते है, यह अवसर आपने कितने श्रम एवं प्रयास से प्राप्त किया है यदि आप इस तथ्य का स्मरण करते रहेंगे तो आपको घबराहट नहीं होगी। साक्षात्कर मे आपसे कुछ भी ऐसा नहीं पूछा जायेगा जो आपने पढ़ा नहीं अथवा आपको विदित नहीं है आप सफलता के प्रति आश्वश्त मन लेकर जाइये यह आपका अंतिम कदम होगा, यदि आप दृढ संकल्प के साथ आप यदि कदम बढ़ाते है तो सफलता आपका वरण कर लेगी।
वाल्तेयेर का यह कथन आपका मार्गदर्शक बन जा चाहिए- "प्यारे बेटे, इस संसार मे हम जो पहला कदम रखते है, यह वह कदम होता है जिस पर जीवन के शेष कदम निर्भर होते है।


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